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बाबा गुरमीत राम रहीम का ही कानून चलता था बाबा के साम्राज्य में

सिरसा(प्रैसवार्ता)। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई अदालत की ओर से दंडित किए जाने तथा हाईकोर्ट की ओर से सर्च आप्रेशन की अनुमति दिए जाने के बाद नए नए मामले सामने आ रहे है, जिनसे संकेत मिलते है कि बाबा के साम्राज्य में भारतीय संविधान नहीं, बल्कि बाबा का अपना ही कानून चलता था। डेरा सच्चा सौदा के सर्च आपरेशन में पुरानी करंसी तथा बाबा की अपनी करंसी, वन्य प्राणी का मिलना तथा अंगदान सेवा को अंग मानव तस्करी से जोड़कर देखा जाने लगा है। कानूनी विशेषज्ञों की मानें, तो पुरानी करंसी मिलना एक अपराध है, जबकि अपनी करंसी चलाना भी अपराध की श्रेणी में आता है। इसी प्रकार डेरा परिसर  में हिरण, मोर व बाध का मिलना भी वन्य प्राणी अधिनियम का उल्लंघन है, जिसमें 7 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। यह हाईकोर्ट पर निर्भर है कि वह कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर इन कानूनी उलझनों पर भी संज्ञान लिया जाए या नही। सर्च आप्रेशन के दौरान यह भी पता चला है कि अंगदान सेवा बड़े पैमाने पर होती रही है। डेरा प्रेमियों को यह कहकर अंगदान के लिए प्रेरित किया जाता था कि यदि मृत्यु उपरांत उनका शव जलाया गया, तो पेड़ काटने पड़ेंगे और फिर चिता की आग वायु को प्रदूषित करेगी। अस्थियां नहरों व नदियों में  बहाने पर जल प्रदूषित होगा, जबकि अंगदान सेवा से किसी के जीवन को खुशहाली मिल सकती है। इस पर डेरा प्रेमी अंगदान सेवा का प्रोफार्मा भर देते थे और उनके मरणोपरांत अंग दूसरे प्रदेशों में मैडीकल कॉलेजों को भेजने की बात कही जाती थी, जबकि अब इसे मानव तस्करी के साथ जोड़कर देखा जाने लगा है। स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए  है।

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