vikas barala |
सिरसा(प्रैसवार्ता)। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं की हरियाणा से शुरूआत करने वाली भाजपा सरकार के लिए बराला प्रकरण गले की फांस बन सकता है। प्रकरण की पटकथा को देखते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने संज्ञान लेते हुए बराला को दिल्ली तलब किया है, जबकि बचाव की वकालत कर रहे सीएम हरियाणा मनोहर लाल खट्टर कानून अपना काम करेगा, का राग अलाप रहे है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के पुत्र विकास बराला ने नशे में धुत्त होकर चंडीगढ़ में जिस लड़की से छेड़छाड़ व अपहरण का प्रयास किया है, वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी की पुत्री है। बराला प्रकरण ने विपक्ष को सड़कों पर ला दिया है, वहीं भाजपाई भी बराला के खिलाफ बगावत पर उतर आए है। चंडीगढ़ पुलिस की ढीली कानूनी प्रक्रिया से आईएएस लॉबी ने सक्रियता बढ़ा दी है और कानूनी विशेषज्ञों से विचार विमर्श किया जा रहा है। पीडि़त लड़की के अनुसार वह किसी प्रकार के दवाब में नहीं आने वाले और इस प्रकरण की लड़ाई तब तक जारी रखेंगे, जब तक दोषी दंडित नहीं होते। हरियाणवी राजनीति में बराला प्रकरण को लेकर विपक्षी दलों के अभियान को उस समय बड़ी सफलता मिली, जब पानीपत के भाजपाई दिग्गजों ने बराला का पुतला फूंक कर इस्तीफा मांगा है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर निरंतर दवाब बढ़ा रहा है कि भाजपा हित के लिए बराला से प्रदेशाध्यक्ष पद छीना जाए, अन्यथा हरियाणा में भाजपा में कांग्रेसी मानचित्र देखने को मिल सकता है।
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