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हरियाणवी कांग्रेस की तर्ज पर भाजपा हरियाणा

सिरसा(प्रैसवार्ता)। हरियाणा के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेजी पकड़ रही है कि हरियाणवी कांग्रेस की तर्ज पर भाजपा हरियाणा चल पड़ी है। पिछले लंबे समय से हरियाणवी कांग्रेस के इकलौते सांसद, एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी विधायकों के अतिरिक्त कांग्रेस के पूर्व सांसदों व विधायकों की एक लंबी फौज पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर को बदलने के लिए संघर्ष कर रही है। भूपेंद्र हुड्डा समर्थकों वाली यह कांग्रेसी  फौज तंवर को प्रदेशाध्यक्ष स्वीकार नहीं करती और तंवर  की बैठकों, जनसभाओं व कार्यक्रमों  से दूरी बनाए रखे हुए है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व तंवर की कार्यशैली और परिश्रमी गतिविधियों से संतुष्ट है। कांग्रेस की तरह भाजपा हरियाणा के आधे से ज्यादा सांसद, करीब डेढ़ दर्जन विधायकों के अतिरिक्त दो दर्जन से ज्यादा भाजपाई दिग्गजों का जमावड़ा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से खफा है और प्रयासरत् भी है कि हरियाणा का मुख्यमंत्री कोई अन्य भाजपाई दिग्गज बने, मगर स्वच्छ तथा ईमानदार छवि के चलते भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मनोहर लाल की कार्यप्रणाली से संतुष्ट है। प्रशासन पर कमजोर पकड़ के चलते मनोहर सरकार के तीन वर्षीय कार्यकाल में तीन ऐसे हादसे हो चुके है, जिन्हें याद करने पर रोंगटे खड़े हो जाते है। इन हादसों से हरियाणावासी जरूर चिंतित है, जबकि भाजपा हाईकमान मनोहर सरकार पर मेहरबानी बनाए हुए है। हादसों ने अनेक हरियाणवी चेहरों को मौत की नींद सुला दिया है, अरबों रुपयों की सरकारी व गैर सरकारी को नुकसान पहुँचाया है, मगर सीएम मनोहर लाल की कुर्सी को कोई आंच नहीं आई है। रामपाल प्रकरण, जाट आरक्षण आंदोलन व डेरा प्रमुख प्रकरण से प्रदेशवासियों में जरूर चिंता देखी जा सकती है, जबकि मुख्यमंत्री से चिंता से दूरी बनाए हुए है। मनोहर सरकार जनभावनाओं पर भले ही खरा न उतर पाई हो, मगर शीर्ष नेतृत्व की उम्मीदों पर अवश्य सफल हुई है। हरियाणवी राजनीति का ज्ञान रखने वाले विशेषज्ञ मानकर चल रहे है कि कांग्रेस हाईकमान न तो अशोक तंवर को बदलेगा और न ही भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मनोहर लाल को मुख्यमंत्री पद से हटाएगा।

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