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अवैध कॉलोनियों व बाजारों की चपेट में सिरसा

Property Pic by Internet
सिरसा(प्रैसवार्ता)। पंजाब, हरियाणा व राजस्थान की सीमा से सटा प्रदेश का जिला मुख्यालय सिरसा भू माफिया की चपेट में है और जिलाभर में अवैध कॉलोनी व बाजारों की बाढ़ आई हुई है, जबकि प्रशासन चैन का बांसुरी बजाए हुए है। इस वजह से भू माफिया के हौसले बुलंद देखे जा सकते है। सिरसा, डबवाली, रानियां, ऐलनाबाद, कालांवाली, डिंग मंडी भू माफिया की गिरफ्त में है। नियमानुसार कॉलोनी काटने के लिए निर्धारित राशी जमा करवाकर लाईसैंस लेने उपरांत रिहायशी क्षेत्रों में तबदील करने पर परिषद/पालिका से नक्शा पास करवाना जरूरी होता है, मगर जिला  सिरसा में सब कुछ उल्टा पुल्टा है। अवैध कॉलोनियों तथा बाजारों से भू माफिया, जहां सरकारी राजस्व को चूना लगा रहा है, वहीं भोले-भाले लोगों को गुमराह कर उनका आर्थिक शोषण कर रहा है। दिलचस्प तथ्य यह है कि इन अवैध कॉलौनियों तथा बाजारों में सरकारी सुविधाएं जैसे विद्युत कनैक्शन, सीवर, पेयजल, स्ट्रीट लाइट, नालियां-गलियां इत्यादि नहीं दी जा सकती, मगर भू माफिया प्रशासन पर इस कद्र हावी है कि सब कुछ आसानी से हो रहा है। अर्बन ऐरिया एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति शहरी क्षेत्र में नगर परिषद/पालिका के पांच किलोमीटर के दायरे में एक हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि नहीं खरीद सकता तथा इस एक्ट के उल्लंघन पर जुर्माना तथा सजा का प्रावधान है। सरकार से लाईसैंस प्राप्त व्यक्ति को पांच एकड़ तक भूमि में पार्क, सड़क व अन्य आधारभूत निर्माण के लिए छोडऩा पड़ता है। सरकार के इस अधिनियम की वजह से कोई व्यक्ति/कॉलोनोइजर भूमि नहीं खरीदता। हरियाणा सरकार के आदेशानुसार पालिका/परिषद सीमा के अंदर तथा पांच किलोमीटर की दूरी तक दि हरियाणा अर्बन डिवेलपमैंट एंड रैगुलेशन ऑफ अर्बन एक्ट 1975 लागू है, जिसके उल्लंघन पर विभिन्न अपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज हो सकता है।

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