amit shah |
सिरसा(प्रैसवार्ता)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को अपने तीन दिवसीय हरियाणा प्रवास के दौरान मिले फीडबैक से शासन तथा संगठन के कई दिग्गजों पर गाज गिर सकती है। अमित शाह ने मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल की प्रशंसा तथा उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लडऩे का संकेत देकर हरियाणवी राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है। इससे पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा से नाराज चल रहे कांग्रेसी दिग्गजों को दर किनार कर शीर्ष नेतृत्व द्वारा भूपेंद्र हुड्डा को ही चौधर की कमान सौंपने से कांग्रेस औधे मुंह गिरी, क्योंकि हुड्डा समर्थकों ने हुड्डा के विरोधियों तथा हुड्डा के राजनीतिक विरोधियों ने हुड्डा समर्थकों की लुटिया डुबो दी थी। प्रदेश में भाजपा में आपसी कलह के साथ-साथ असंतुष्ट भाजपाई दिग्गजों का आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है। अमित शाह ने भगवा ध्वज से वंचित रहे 43 विधानसभाओं पर फोक्स बनाने का निर्देश दिया है, जबकि मौजूदा 47 विधानसभा क्षेत्रों में से अनेक विधानसभा क्षेत्रों में भगवा ध्वज हिचकोले खा रहा है। अमित शाह अपने इस तीन दिवसीय दौरे के दौरान किसी एक राजसी दिग्गज को भी भाजपाई कुनबे में शामिल नहीं कर पाए। संघ के साथ हुई गोपनीय बैठक में अमित शाह शासन तथा प्रांतीय संगठन से प्रसन्न नजर नहीं देखे गए। शाह की यही नाराजगी शासन तथा संगठन के कई दिग्गजों पर भारी पड़ सकती है। मंत्रियों तथा कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ रहे फासले पर अमित शाह ने कड़ा संज्ञान लेते हुए नए निर्देशों के अनुसार काम करने को कहा है। भाजपा के मंत्रियों की कार्यप्रणाली से खफा शाह निकट भविष्य में मंत्रीमंडल में फेरबदल के साथ साथ संगठन में बदलाव कर सकते है, ऐसी संभावना देखी जा रही है। हरियाणा के भाजपाई शासन और भाजपा संगठन में संभावित बदलाव से राजनीतिक पंडि़त इंकार नहीं करते।
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