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भूपेंद्र हुड्डा सरकार के कार्यकाल में बनी थी शाह सतनामपुरा पंचायत 11 बड़ी संपत्तियों को दी गई छूट

सिरसा(प्रैसवार्ता)। भूपेंद्र हुड्डा के मुख्यमंत्री काल में राजनीतिक लाभ उठाने के लिए डेरा सच्चा सौदा को नियम तथा कानून को दर किनार कर उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं के उजागर होने पर सरकारी तंत्र ने जांच का दायरा बढ़ाना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक बगैर सीएलयू के डेरा परिसर में बनी 11 संपत्तियों की जांच गृह सचिव हरियाणा के अनुसार नगर एवं ग्राम आयोजन विभाग को सौंपी गई है। पंचायत एवं विकास विभाग और राजस्व व आपदा प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा डेरा परिसर में बने स्टेडियम, औद्योगिक इकाईयों, सिनेमा हॉल के लिए सीएलयू की अनदेखी करके राजनीतिक प्रभाव के चलते इस भूमि को लाल डेरा में शामिल दर्शा दिया। भूपेंद्र हुड्डा सरकार ने 12 अगस्त 2014 को अधिसूचना जारी करके शाह सतनामपुरा के नाम से अलग पंचायत बनाई। इसी बीच सत्ता परिवर्तन होने पर भाजपा सरकार ने नवंबर 2015 को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने 1682 एकड़ भूमि चिह्नित कर शाह सतनामपुरा नई राजस्व संपदा घोषित कर दी, जिस पर नई पंचायत की भूमि का चकबंदी कार्य शुरू हो गया था। इसी बीच ग्राम एवं नगर आयोजना विभाग के अधिकारियों के पास सीएलयू के लिए आवेदन भी आने शुरू हो गए थे, मगर जिला प्रशासन ने 31 दिसंबर 2015 को डेरा के आवासीय स्थल, अस्पताल, होस्टल शैड, स्टेडियम, सिनेमा हॉल व औद्योगिक ईकाईयों सहित करोड़ों रुपयों की 11 संपत्तियों से लाल डोरे में दिखा दिया, जिसमें सीएलयू की हवा निकल गई, जबकि उस समय चकबंदी का कार्य चला हुआ था। इसके तहत वाणिज्यक व आद्यौगिकी सपंदाए लाल डोरे में शामिल नहीं हो सकती थी, लेकिन डेरा को अनुसूचित लाभ देेने के लिए यह संपत्तियां आबादी वाले क्षेत्र में दिखाई गई।

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