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भूपेंद्र हुड्डा-राव इंद्रजीत मुलाकात से हरियाणवी राजनीति में हडकंप

सिरसा(प्रैसवार्ता)। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से राजनीतिक मतभेदों के चलते कांग्रेस से अलविदाई लेकर भगवा ध्वज उठाने वाले राव इंद्रजीत केंद्रीय मंत्री से रोहतक के बंद कमरे में हुई करीब आधे घंटे की मुलाकात ने हरियाणवी राजनीति को झकझोर दिया है और जल्द ही हरियाणा के राजनीतिक मानचित्र में बदलाव आने के आसार नजर आ सकते है। मौजूदा केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत मोदी मंत्रीमंडल में मिले पद से संतुष्ट नहीं है और यहीं कारण कहा जा सकता है कि सार्वजनिक तौर पर अपने बागी तेवर भी दिखा चुके है। कांग्रेस से भाजपाई बने केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह भी राव इंद्रजीत की तर्ज पर अपनी नाराजगी जाहिर करते रहते है। हरियाणा के इन दोनो कद्दावर नेताओ के पास केंद्रीय मंत्री की चौधर तो है, मगर हरियाणा की भाजपा सरकार इन्हें तव्वजों नहीं देती। राव इंद्रजीत का दक्षिणी हरियाणा में अच्छा प्रभाव है, तो एक दशक तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र हुड्डा की फौज को भी कम नहीं आंका जा सकता, जो पूरे प्रदेश में फैले हुए है। केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल होने से पूर्व राव इंद्रजीत ने अपना राजनीतिक दल गठन करने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया था। सूत्र बताते है कि भूपेंद्र हुड्डा ने राव इंद्रजीत को हरियाणा में नई राजनीतिक दुकान खोलने का मश्वरा दिया है। राव इंद्रजीत के समर्थकों को भूपेंद्र हुड्डा का यह मश्वरा रास नहीं आ रहा, क्योंकि हुड्डा ने ही राव इंद्रजीत को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखाया था। राव इंद्रजीत यदि अब तक कांग्रेसी ही बने रहते, तो मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार होते। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक झटके ने राव इंद्रजीत के राजनीतिक भविष्य पर एक गहरा घाव दे दिया था, जो अभी तक भरा हुआ है। भूपेंद्र हुड्डा हरियाणवी राजनीति के हाशिये से दिन प्रतिदिन गायब हो रहे है, क्योंकि उनके सभी प्रयास विफल हो चुके है। राव इंद्रजीत की भूपेंद्र हुड्डा से चाय की चुस्कियों के साथ हुई बातचीत क्या राजनीतिक उबाल लाएगी, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, मगर इस मुलाकात से क्यासों की हरियाणवी राजनीति में बाढ़ आ गई है।

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