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मिशन-2019: मनोहर लाल खट्टर की अग्नि परीक्षा

सिरसा(प्रैसवार्ता)।  हरियाणा प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा अपने ही मंत्रियों, संतरियों व दिग्गजों की नाराजगी के बावजूद धड़ल्ले से शासन चला रही है, क्योंकि विपक्ष अपने वर्चस्व को बचाए रखने के लिए जूझ रहा है। प्रमुख विपक्षी दल इनैलो के ग्राफ में कुछ कमी आई है, तो कांग्रेस का ग्राफ तेजी से गिरा है। हरियाणा में कांग्रेस के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर से राजनीतिक मतभेदों के चलते पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा भूपेंद्र हुड्डा समांतर कांग्रेस चला रहे है। कांग्रेस का इकलौता सांसद, 15 में से 14 कांग्रेसी विधायक तथा इससे कहीं ज्यादा कांग्रेसी दिग्गज भूपेंद्र हुड्डा की समांतर कांग्रेस से जुड़े हुए है। हरियाणा में हिचकोले खा रहे विपक्ष से उत्साहित भाजपा ने मिशन-2019 की तैयारी शुरू कर दी है, जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अग्नि परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है। खट्टर स्पष्ट कर चुके है कि विधानसभा के चुनाव लोकसभा के साथ ही हो सकते है। इससे भी इकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा का मिशन 2019 की जिम्मेवारी मनोहर लाल खट्टर को ही मिलेगी, क्योंकि मनोहर लाल खट्टर की कार्यप्रणाली से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुश बताए जाते है। भाजपाई सांसदों, विधायकों व दिग्गजों की खट्टर से नाराजगी मिशन-2019 पर सवालिया निशान लगाते है। अपनों की ही नाराजगी मनोहर लाल खट्टर के लिए कठिनाई उत्पन्न कर सकती है। अपनों के ही बगावती तेवर भाजपाई मिशन 2019 को ग्रहण लगा सकते है, क्योंकि मुख्यमंत्री की कार्यशैली मुख्यमंत्री को एक अग्नि परीक्षा से गुजरने पर विवश कर सकती है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मनोहर लाल खट्टर पर भाजपाई मिशन-2019 का कार्ड खेलने पर विचार कर रहा है। वहीं एक वर्ग प्रदेश के भाजपाई दिग्गजों, कार्यकर्ताओं के बगावती तेवर को ध्यान में रखते हुए शीर्ष नेतृत्व की सोच में बदलाव का पक्षधर है। मिशन-2019 में हरियाणा भाजपा का मानचित्र कैसा रहेगा, यह तो आने वाले समय ही बताएगा, मगर उससे पूर्व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को हरियाणा भाजपा के मिशन 2017 के मानचित्र पर फोक्स बनाना होगा।

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